जनता
परिवार निकालेगा मोदी का तोड़ ?
16, अशोका रोड दिल्ली...सुबह के
सूरज के साथ ही इस घर के आंगन में सियासी सुगबुगाहट तेजी से सुनाई दे रही थी...दिन
के पहले पहर में ही यहां तो परिदृश्य बदला हुआ था, देश का
माहौल तो पहले ही बदल दिया है मोदी ने...अब बदले माहौल में मोदी की छाया से
छटपटाहट बढ़ी तो जनता परिवार एक छतरी के नीचे आने को मजबूर हो गया…मुखिया मुलायम के घर...तीर वाले आए...लालटेन वाले लालू जी आए...चश्मा वाली
पार्टी से दुष्यंत चौटाला आए थे...और दावत-ए-सियासत में देवगौड़ा जी भी आए
थे...खोई हुई जमीन तलाशने के तरीके तलाशे गए...काला धन, रोजगार और किसानों के मुद्दे पर
रंग रोगन लगाकर साथ चलने का नीति बनाई गई...सहमति बनी शीतसत्र में मोदी सरकार को
घेरेंगे संसद में...
एकता
की अलख जागी...उदास मौसम के खिलाफ लड़ने के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमति बन
गई...गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी दलों ने महागठबंधन के गुब्बारें में हवा भर
दी...उड़ान तो अभी बाकी थी...लेकिन ये क्या हवा निकालने बेनी बाबू आ गए...कह कर
चले गए कि, कांग्रेस
के बिना किसी का कोई अस्तित्व नहीं...वैसे भी ये सब तो बीजेपी की ही मदद
करेंगे...क्योंकि कोई सजायाफ्ता है तो किसी पर CBI का शिकंजा...।
कांग्रेस
को किनारे करके, बीजेपी
से मुकाबले के लिए सपा, जदयू और राजद ने महागठबंधन के इस सियासी रिश्ते
में गांठ लगाई है...लेकिन बीजेपी को भी इस रिश्ते की बुनियाद और विश्सनीयता पर ही
भरोसा नहीं है...बीजेपी की नजर में ये सब अवसरवादी है...और मौके की नजाकत पर नजर
बदल लेते हैं...।
हालांकि,
ये राष्ट्रीय राजनीति की बहुत बड़ी घटना है...जब 6 क्षेत्रीय दल मोदी को रोकने के
लिए जोर आजमाइस में लगे हों...पन्ने पलटकर देख लीजिए देश की राजनीति के...ऐसा पहले
कभी नहीं हुआ, कि
मुकाबला कांग्रेस बनाम ना हो...लेकिन मोदी लहर में रवायत बदल गई...अब बदली हुई
सियासत में सवाल ये है कि, क्या जनता परिवार का गठजोड़ निकाल
पाएगा नरेंद्र मोदी का तोड़...।
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