सियासत का सबब दादरी

बिसाहड़ा से इतर अब बीफ को लेकर सियासत तेज हो गई है...आजम खान ने जहां बीफ परोसने वाले होटलों को तोड़ने के लिए गोभक्तो को चेतावनी दी है...वहीं दादरी की सहित दूसरे मुद्दों के लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ को लिखी है चिट्ठी...आरोप है कि, भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की साजिश हो रही है...यानि बिसाहड़ा की बिसात पर सजाई गई सियासत की चौसर पर, खेला जा रहा है शह और मात का खेल...और हर कोई बनना चाहता है बाजीगर... इसी कड़ी में तो देश और प्रदेश की परिधि लांघ गए आजम खान...दादरी के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ तक पहुंच गए...
कोरी सियासत ही लगता है यहां तो हर किसी का किरदार...मजहब के रंग में रंगकर बजाई जा रही है बयानों की बीन...साध्वी जी के अपने सुर है...मुजफ्फरनगर दंगो के आरोपी और बीजेपी की जेड़ प्लस सिक्योरिटी वाले विधायक संगीत सोम साहब ने भी सियासी संगीत बजाया...गांव पहुंचे पीड़ित परिवार से तो नहीं मिले लेकिन चौपाल जमाई...लंबा चौड़ा भाषण दिया...जख्मी गांव में खड़े होकर कह गए कि, हजार लोग ले आउंगा एक आवाज पर...बहरहाल, पटरी पर लौट रही अमन और शांति में ऐसे शब्दों से लगाई जा रही है आग...

ओवैसी पहुंचे...महेश शर्मा पहुंचे...दिल्ली वाले केजरीवाल जी भी आए....लाइन लगी कोई मुसलमानों का मुख्तार बना तो कोई हिंदुओं का हमदर्द...दादरी का दर्द तो दिखता ही नहीं किसी सियासतदां के दिल में...दिखती है तो सियासत..दिखता है तो मजहब...यहां तो बेशर्म होकर दिए जा रहे हैं बयान...
एक के बाद एक बयान....एक से एक बेशर्म बयान....मुद्दा संवेदनशील लेकिन बोली बिल्कुल संवेदनहीन...घर का झगड़ा है लेकिन आजम खान संयुक्त राष्ट्र तक पहुंच गए...सपा के एक और नेताजी है उन्होने कह दिया... कि, साक्षी जैसे लोगों का जिंदा रहना जरुरी नहीं...इधर बीजेपी नेता भी बयानों से लांघ रहे हैं मर्यादा...सवाल ये है कि, आखिर यूपी को कहां ले जाएंगे ये बयान...।


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