जोर से बोलो जय श्रीराम...मोदी के राम ।


आमतौर पर भारत माता की जय के जोरदार नारे लगाने वाले पीएम मोदी...उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जय श्रीराम का उद्घोष करते नजर आए...सूबे की राजधानी लखनऊ में पीएम मोदी का ये अलग अंदाज...जय श्री राम के नारे के साथ भाषण का आगाज...ऐसे ही तो सियासी गलियों के ताप को नहीं बढ़ा गया...बल्कि, यूं समझ लीजिए कि, इस नारे की गूंज ने खुद बीजेपी खेमे में 2017 के लिए एक बड़ी लकीर खीच दी है...यानि बीजेपी विकास के नारों के बीच हिंदुत्व के रथ पर सवार होने की फिराक में लगता दिखाई दे रही है... ये सोलह आने सच है कि, बड़े-बड़े नेता चुनाव के समय बड़ी शिद्दत के साथ यूपी की ओर चले आते हैं...ये भी पहली बार था...कि, कोई पीएम लखनऊ की 600 साल पुरानी लखनऊ की रामलीला के मंच पर पधारे थे...अब जब मंच सजा था, माहौल बना था...तो नरेंद्र मोदी ने ना मौका छोड़ा, ना मैसेज देना...मौके की नजाकत पर दोनो मुट्ठी भींच के नरेंद्र मोदी ने भी दूर तक संदेश पहुंचा दिया...यानि पीएम मोदी ने जनता से जोर से जय श्री राम के नारे लगाने की अपील की..जिसकी आवाज दूर तलक जाए..शायद वो दूरी 2017 की रणभूमि ही है...भगवान राम के दिन पर बिना कोई राजनीतिक बयानबाजी के बड़ा संदेश दे गए नरेंद्र मोदी...विपक्ष तो पहले ही आरोपों के तीर चला रहा था...अब इस नारे के बाद भी चलाने लगा...विरोधियों का आरोप है कि, चुनावलीला के लिए ही लखनऊ की रामलीला को चुना था...। तो लोग कह रहे हैं कि, चुनाव से पहले पीएम मोदी का लखनऊ आना और जय श्रीराम का उद्घोष करना...राजनीतिक बातों से इतर एक बड़ा राजनीतिक संदेश दे देना...यानि जो आवाज अयोध्या के आंगन ना गूंज सकी...वो लखनऊ के मंच से पूरे सूबे में गूंज गई...वैसे भी लखनऊ से अयोध्या है ही कितनी दूर महज डेढ़ घंटे का ही तो रास्ता है...सवाल ये है कि, क्या बीजेपी ने अपना एजेंडा तय कर दिया...यानि चुनाव से पहले फिर राम की शरण में जाती दिख रही है बीजेपी...।

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