मोदी का ‘सियासी’ दशहरा


बीजेपी और भगवान राम का रिश्ता...तो जगजाहिर है...चुनाव के समय तो ये रिश्ता और भी अटूट हो जाता है...शायद यही वजह है कि, पीएम मोदी दिल्ली से लखनऊ खिचे चले आ रहे हैं...यानि रामलीला के मंच से साधी जाएगी चुनावी लीला...ये दशहरा लखनऊ वासियों के साथ-साथ यूपी के लिए कुछ खास होने वाला है...क्योंकि इस दशहरे में पीएम नरेंद्र मोदी लखनऊ में मौजूद रहने वालें हैं। प्रधानमंत्री 11 अक्टूबर को ऐशबाग की रामलीला में शामिल होंगे...यानि यहां से जोर तीर चलेगा वो रावण पर ही नहीं सूबे की राजनीति पर भी सटीक निशाना लगाएगा.. अब राम मंदिर ना सही, रामलीला ही सही...अयोध्या ना सही, लखनऊ ही सही...सरयू का किनारा ना सही, गोमती का तट ही सही..लेकिन मंदिर हो या लीला, है तो राम की ही...चुनाव आएं और बीजेपी को रामजी की याद ना आए..ऐसा भला कहां हो सकता है....इसलिए तो मोदी जी अब इस चुनावी काल में राम को अयोध्या से ना सही पर लखनऊ से ही याद करेंगे...इस बार दशहरा को प्रधानमंत्री लखनऊ में रावणवध करेंगे..यानि, रामलीलाके जरिए साधेंगे चुनावी लीला...और 2017 के रण को जीतने की जुगत भी लगाई जायेगी... यूं तो अमूमन अबतक तमाम प्रधानमंत्री दिल्ली की रामलीला में शामिल होते रहे हैं... लेकिन ये पहली बार होगा जब कोई प्रधानमंत्री लखनऊ में दशहरा मनाएंगे...हालांकि, चुनाव से चंद दिनों पहले पीएम का लखनऊ में होना कई मायनों में महत्वपूर्ण माना रहा है...अब यूपी की राजधानी में पीएम रावण का वध करें..और विपक्ष वाले राजनीति ना करें...ये भला कैसे संभव है...तमाम सियासी दल भी इसे राजनीति का दांव बता रहे हैं...कांग्रेस के मुताबिक लखनऊ के बजाए मोदी जी को राम नगरी अयोध्या जाना चाहिए बहरहाल, कश्मीर में चुनाव के समय भी मोदी जी ने दिवाली का दिया जलाया था...अब यूपी में 2017 के चुनाव से पहले, दशहरा पर यूं दस्तक की आहट सवाल ही खड़े करती है...कि, क्या ये पीएम मोदी का ये सियासी दशहरा है...क्योंकि, दशहरा तो बीते साल भी आया था..लेकिन तब मोदी जी नहीं आए थे...

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