अब बीजेपी के घर में दिखी दरार!


योगी OUT…उमा IN मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की विकास रथयात्रा के बाद बीजेपी ने भी अपनी परिवर्तन यात्राओं के जरिये यूपी को मथने का महूर्त तय कर दिया...यूपी में बीजेपी परिवर्तन यात्राओं के जरिये 17000 किलोमीटर का सफर तय करने निकली है...इस रथयात्रा से पार्टी को भले ही बहुत उम्मीदें हों..लेकिन बीजेपी के कई नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है...दरअसल, बीजेपी की परिवर्तन यात्रा का जो रथ दौड़ रहा हैं...उनमें उन नेताओं के पोस्टर ही नहीं हैं..जो खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ में बता रहे थे...और भगवा खेमे से तो केवल उमा भारती ने ही बाजी मारी है...। बड़े अजीब होते हैं ये राजनीति के भी रंग...चढ़ जाए तो चेहरा चमकाने में देर नहीं...और उतरने लगे तो उम्मीदों की कोई ठौर नहीं...कुछ ऐसी ही कशमकश में हैं बीजेपी के वो चेहरे...वो कल तक मुख्यमंत्री पद की दावेदारी रख रहे थे...लेकिन आज, परिवर्तन यात्रा के रथ में पोस्टरों के दावेदार भी नहीं रहे...बीजेपी ने बीते 5 नंबर से परिवर्तन यात्रा का बिगुल बजाया है...लेकिन प्रदेश में परिवर्तन से पहले ही...यहां तो घर में ही परिवर्तन की पताका लहराती दिखी... मुखिया की दावेदारी में गोरखपुर वाले योगी आदित्यनाथ सबसे आगे खड़े थे...लेकिन रथयात्रा के पोस्टरों में सबसे पीछे भी नजर नहीं आए...भगवा ब्रिगेड़ से नजर आ रही है तो उमा भारती...और उमा भारती का पलड़ा भी सबसे भारी है...क्योंकि, राजनाथ सिंह की सूबे में वापसी संभव नहीं लगती, तो वहीं कलराज मिश्र की राह में उम्र का रोड़ा है...केशव मौर्या पहले ही पार्टी मुखिया की कुर्सी पर काबिज हैं...। लखनऊ वाले दिनेश शर्मा से लेकर रायबरेली वाले वरुण भैया तक...परिवर्तन यात्रा के रथ की तस्वीरों में सब नदारद हैं...राजनाथ सिंह, कलराज मिश्रा, उमा भारती के अलावा केशव मौर्या समेत केवल चार चेहरों की मौजूदगी में विपक्ष को बीजेपी दरारों में झांकने का मौका मिल गया...लिहाजा झांक भी रहे हैं...। यानि केवल चार चेहरों की चमक ने बाकी तमाम उम्मीदों को भी धूमिल कर दिया है...दलितों को दुलार दिखाने का बाद भी कोई दलित चेहरा भी पोस्टरों में नहीं दिखा है..हालांकि, इन सबके बीच जो सवाल जो शोर कर रहा है वो यही.. कि, उमा कैसे इन और योगी कैसे आउट....?

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